Saturday, April 25, 2009

क्या है कोई युवा??

क्या है कोई युवा, जो मेरा हाथ थाम सके, जन्म-जन्मान्तर तक?
क्या है कोई युवा, जिसका आराध्य इस देश की माटी हो?
क्या है कोई युवा, जिसका सत्य ही धर्म हो, परमार्थ ही कर्म हो?
क्या है कोई युवा, जो वृहत्तर भारत के सपने देखता हो?
क्या है कोई युवा, आर्यावर्त्त की रज से मेरी माँग भर दे?
क्या है कोई युवा, जो गुरुवर के सपनो को साकार कर दे?
क्या है कोई ऐसा युवा? क्या है कोई ऐसा युवा? क्या है कोई ऐसा युवा?
हाँ तुम ही हो, हाँ तुम ही हो, हाँ तुम ही हो - कौशल्या के राम!
हाँ तुम ही हो, हाँ तुम ही हो, हाँ तुम ही हो - मेरे श्याम!
- तुम्हारी मीरा

रचनाकार:
रवि 'ब्रह्मानंद'

No comments:

Post a Comment